पानी की तरहा एनर्जी अंदर आ रही थी…. तारा का अनुभव

राम राम गूरूजी, कोटी कोटी वंदना । आज की साधना में पूरे शरीर में पानी की तरह एनर्जी अंदर आ रही थी। मेरा मंत्र जप करना चल रहा था। कई बार ध्यान भटक रहा था। फिर ध्यान में ब्रह्मकमल चढ़ने में लीन रहते थे।
बहोत आंनद आ रहा था।आपका बहुत बहुत धन्यवाद। शिव शरणम् ,गुरु शरणम्।

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