जटा वाले इंसान टहलने लगे… कुमुद

राम राम गुरु जी,सादर चरण स्पर्श💐👏अभिषेक शुरू करते ही धोती, कन्धे पर गमछा, दाड़ी ,जटा वालेएक व्यक्ति वहां पर टहलने लगे,मुझे देखते हुए।चेहरे पर कोई भाव नहीं था, मैं अभिषेक करते रही, मैं उन्हें नमस्कार किया, तब कहीं वो मुस्कान के साथ एक जगह बैठे।मुझे बड़े बड़े,पहाड़, बर्फ से ढके पहाड़, दिखने लगते, सब तरफ बीच बीच में रौशनी होने लगती।अचानक बर्फ के पहाड़ों के बीच एक इंसान जिसके बड़े पखं थे ,एक हाथ में कुछ लम्बी सी वस्तु को पकड़े हुए ऊड़ते दिखे, सोने से बने गहने पहने थे।मुझे लगा और भी हैं, पर दिख नहीं रहे थे।ध्यान फिर अपने आप हट गया,8बज रहे थे।धन्यवाद गुरु जी,💐👏

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