दिव्य शिवलिंग हृदय में समा गया…. विवेक शुक्ल

महाराज नंदी के दर्शन के पश्चात जैसे ही मंदिर में प्रवेश किया मुझे दिव्य ज्योति का दर्शन हुआ उन्हें प्रणाम कर के आगे गर्भ गृह में प्रवेश किया तो भगवान केदारनाथ में दिव्य शिवलिंग का दर्शन हुआ उनका अभिषेक करके मैं जब शिवार्चन करने के लिए बैठा तो मंत्र जप शुरू करते ही मैन देखा कि मैं गुरुवार के साथ एक दिव्य सुरक्षा बॉल में हूँ और शिवार्चन कर रहा हूँ कुछ समय बाद मुझे भगवान शिव माँ पार्वती के दर्शन हुए दोनों लोगो मुझे आर्शीवाद दिया और फिर अन्तर्ध्यान हो गए कुछ समय मंत्र जप पश्चात मुझे शिवप्रिया दी आशीर्वाद देते हुए प्रतीत हुई मंत्र जप के और कुछ समय बाद मुझे आप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शिवाय नमः मंत्र शिवलिंग से निकलते हुए प्रतीत हुआ और काफी देर तक दिखाई पड़ता रहा फिर मुझे केदारनाथ भगवान के दिव्य शिवलिंग को अपने हृदय के पास आते हुए देखा और आके मेरे हृदय में समा गया
साधना के अंतिम चरण में मुझे मंदिर की दीवार से एक हाँथ प्रकट हुआ और में दोनों हांथो में एक दिव्य यंत्र प्रदान किये मैं मंत्र जप को करता रहा धीरे धीरेे मेरे हाँथ में रखा यंत्र विशाल काय होता गया मैं उस यंत्र के मध्य में आ गया और वो दिव्य यंत्र में चारो तरफ काफी तीव्र वेग से घूमने लगा और फिर मेरी साधना पूर्ण हो चुकी थी इस लिए आंखे खुल गईं
जब मैं उठा तो फिर उस यन्त्र को ध्यान से देखा तो वो श्री मृतुन्जय यंत्र से मैच कर रहा है
ये सब मैं शिवगुरु सहित गुरुवार और शिवप्रिया दी कि वजह से कर पा रहा हूँ
मैं आप सभी का कोटि कोटि धन्यवाद करता हूँ
मैं पूरे मृत्युंजय परिवार के सभी सदस्य का धन्यवाद करता हूँ
सभी को राम राम

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