शिव गुरु को राम-राम गुरु जी को राम राम शिव शरणम प्रणाम गुरु जी गुरुजी आपके आशीर्वाद से साधना आज के आनंद पूर्वक संपन्न हुई आपके द्वारा दी गई विधि द्वारा मैं केदारनाथ धाम पहुंची नंदी जी को प्रणाम करके अखंड ज्योति को प्रणाम किया उसके बाद बाब केदारनाथ के समक्ष पहुंची उनको प्रणाम करके मैं जल अभिषेक शुरू कर दी सारी विधि पूर्वक एक एक कर सारी सामग्री अर्पण की उसके बाद शिव अर्चन शुरू किया उसके कुछ देर बाद हनुमान जी का दर्शन हुआ उसके बाद साधना करते हुए बहुत सारे सिंदूर हमारे ऊपर जैसे कोई डाल रहा है मैं सिंदूर से पूरी तरह नहा ली थी फिर शिवलिंग में माता पार्वती भगवान शिव दिखाई दे रहे थे उसके बाद मेरे अनाहत चक्र में मुझे ऐसा मजबूत हो रहा था कि भगवान शिव हमारे अनाहत चक्र और हृदय में विराजमान हैं फिर भगवान शिव शिवलिंग में से बाहर निकल कर आ गए हमारे पास ही बैठे थे उसके बाद भगवान शिव और मैं आमने-सामने हो गए और सात चक्र मुझे दिखाई दे रहे थे उस सभी चक्र एकदम खूब चमक रहे थे उस सातों चक्रों में से एनर्जी हमारे पास निकलकर हमारे चक्रों में आ रही थी उसके बाद माता लक्ष्मी भगवान विष्णु करें दर्शन हुए माता लक्ष्मी विष्णु भगवान के चरण दबा रही थी और चारों तरफ जल नजर आ रहा था फिर पहले 6 दिन की साधना मैं जो दृश्य मैं देखी थी वह सारे देश मेरे समक्ष एक लाइन से सभी दृश्य दिखाई दे रहे थे सारी अनुभूतियां दिखाई दे रही थी उसके बाद जाने कौन सी देवी थी मैं उनको बालों को झाड़ी बना रही थी उसके बाद सोने का बाल में कोई चीज था और लगाई उसके बाद भगवान शिव दिखाई दे रहे थे जैसे अग्नि जल रही हो अग्नि में उनकी छवि दिखाई दे रही थी उसके बाद शिवलिंग के चारों तरफ सफेद चूहे घूम रहे थे उनकी आंखें लाल कलर की थी फिर उसके बाद भगवान शिव वहां खड़े थे अक्षर लिखा हुआ दिखाई दे रहा था पर गुरुजी मैं उसको पढ़ नहीं पाई लाल स्याही से अक्षर लिखा हुए थे उसके बाद जो भगवान शिव में कमल पुष्प चढ़ाए थे वह मेरे ऊपर आकर सारे गिर गए फिर मैंने उठाकर भगवान शिव पर रख दिया मैं घबरा गई हम तो भगवान शिव को कमल पुष्प अर्पित कर रहे हैं मेरे ऊपर कहां से आ रहा है गुरुजी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद गुरु जी आप को कोटि कोटि नमन करती हूं शिव शरणम