संजीवनी शक्तिपात: घर का रूखा माहौल अपनेपन में बदला…जय प्रकाश चौहान, दिल्ली

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प्रणाम गुरूजी।
सीनियर पोज़ीशन में हुँ। समय बहूत कम मिलता है। बेटी सिविल सर्विसेज की तैयारी के रही है और बेटा iit की। जब भी बच्च्चोँ से बात होती।चिड़चिड़ाहट महसूस होती। लिमिटेड बात होती। रुखी सी।
दोनो पर संजीवनी शक्तिपात किया। समय तो अब भी कम मिलता है पर communication की quality बिल्कुल बदल गयी। बेटे ने एक घन्टा esoteric विषयों पे बात की। असम्भव था।
ये संजीवनी शक्तिपात का चमत्कार है।
कोटि कोटि धन्यवाद गुरूजी।
शिव शरणं।

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